शनिवार, 6 सितंबर 2008

जीवन का रहस्य

हमारा जीवन चक्र अपनी गति से चलता रहता है ये चक्र कभी रुका नही सकता
जो इस मृतुलोक पर आया है उसका जन निश्चित है। फ़िर भी मनुषीय इस सचाई
से दूर भागता रहता है। मृतु ही जीवन का सबसे बड़ा सत्य है, हमारा जीवन उस
बुलबुले की तरह है जो कुछ ही समय मैं फुट जाता है ठीक इसी प्रकार हमारा जीवन
भी कुछ पल का ही इस पृथ्वी का महमान है। जिस प्रकर तेज पानी के छींटे निचे
गिरने के पश्चात बुलबुले बन कर ऊपर दिखने लगते हैं उनमें से कई बुलबुले ज्यादा
बड़े होते हैं और कुछ ऊपर उड़ने से पहले ही पानी मैं समान जाते हैं.....................
ठीक उसी प्रकार हम भी धरती पर जन्म लेते हैं। हममें से कुछ लोग अपना जीवन
कठिनायों मैं भी खुश रह कर जीते हैं और कुछ लोग सुख होने के बाद भी सुख की तलाश
करते रहता हैं .................
मैं यहाँ ये समझाने की कोसिस करना चाहता हूँ की ये जीवन हमारे लिए बहुत ही अमुलिये
है इस का सही इस्तमाल करो हमेशा सही राह पर चलते हुए जीवन जीना चाहिए..............

इस ब्लॉग को मैंने जल्दी मैं लिखा है इस ब्लॉग मैं कोई गलती हो तो कृपया मुझे
माफ़ करना.......और कृपया मरे लिखे ब्लॉग को पढ़के जरुर अपनी राये देना
संतोष कुमार
मेरा number 09878925783

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